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Brain Eating Amoeba: सतर्क हो जाएं, ब्रेन को खा सकता है पानी का ये कीड़ा, जानिए इस बीमारी के लक्षण और बचाव

Amoeba infection: विशेषज्ञों ने बताया कि मुक्त रहने वाले गैर परजीवी अमीबा के बैक्टीरिया जब दूषित पानी से नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो यह संक्रमण होता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों को 'अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस' को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। इस बीमारी से मृत्यु दर 95-100 प्रतिशत है

Brain Eating Amoeba: सतर्क हो जाएं, ब्रेन को खा सकता है पानी का ये कीड़ा, जानिए इस बीमारी के लक्षण और बचाव
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By Ragib Asim

Amoeba infection in Kerala: केरल में मस्तिष्क के दुर्लभ संक्रमण अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस का मामला गंभीर होता जा रहा है। केरल के कोझिकोड में एक 14 वर्षीय लड़के की दुर्लभ मस्तिष्क संक्रमण से मौत हो गई है। युवक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। यह संक्रमण दूषित पानी में पाए जाने वाले जीवित अमीबा के कारण होता है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि मृदुल नामक बालक की मृत्यु बुधवार रात करीब 11:20 बजे हुई। इस बीमारी से मृत्यु दर 95-100 प्रतिशत है।

दक्षिणी राज्य में मई से लेकर अब तक इस घातक संक्रमण का यह तीसरा मामला है। पहली घटना 21 मई को मल्लपुरम में पांच वर्षीय बच्ची की मौत की थी और दूसरी घटना में 25 जून को कन्नूर में 13 वर्षीय बालिका की मृत्यु हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक बच्चा यहां एक छोटे तलाब में नहाने गया था, और अब एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। यह अमीबा दूषित पानी में पाया जाता है। दूषित पानी में नहाने या गोताखोरी करने से इसके संपर्क में आने का खतरा होता है।

क्या है अमीबा?

मेडिकल विशेषज्ञों ने बताया कि मुक्त रहने वाले गैर परजीवी अमीबा के बैक्टीरिया जब दूषित पानी से नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं तो यह संक्रमण होता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों को 'अमीबिक मेनिंगोएन्सेफेलाइटिस' को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी है। इससे पहले यह बीमारी 2023 और 2017 में राज्य के तटीय अलप्पुझा जिले में देखी गई थी।

नेगलेरिया फाउलरी क्या है?

नेगलेरिया फाउलरी अमीबा एक छोटा जीव है जो झीलों, तालाबों, नदियों और गर्म झरनों जैसी गर्म मीठे पानी में पाया जाता है। दूषित पानी में तैरने या गोता लगाने से अमीबा शरीर में प्रवेश कर सकता है।

क्या है बचाव?

यदि आप पानी में कूदते या गोता लगाते हैं तो नाक पर क्लिप का उपयोग करें या अपनी नाक बंद रखें। गर्म झरनों और अन्य प्राकृतिक रूप से गर्म पानी में अपना सिर पानी से ऊपर रखें। इसके अलावा उथले, गर्म ताजे पानी में तलछट को परेशान करने से बचें, क्योंकि नेगलेरिया फाउलरी झीलों, तालाबों और नदियों के तल पर तलछट में पाए जाने की अधिक संभावना है।

वहीं, नल के पानी को 1 मिनट तक उबालें और इसे ठंडा होने दें, फिर नेटी पॉट, बल्ब सीरिंज, निचोड़ने वाली बोतलें और अन्य नाक सिंचाई उपकरणों का उपयोग करके अपने साइनस को धोएं। वैकल्पिक रूप से फिल्टर किए गए पानी का उपयोग करें।

Ragib Asim

Ragib Asim is a journalist currently employed as News Editor in NPG News (Digital). Born and brought up in Bettiah, Ragib journey began with print media and soon transitioned towards digital. He carries more than 10 years of experience in the field with focus on New media. He has previously worked with Hindustan Samachar, News Track, Janjwar, Special Coverage News Hindi. His interests include Science, Geopolitics, Economics and Current affairs.

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